वेद क्या है? 

वेद, विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। 

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वेद कितने प्रकार के होते हैं? 

हिन्दू धर्म ग्रंथों में चार वेद बताये गए हैं : ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। 

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ऋग्वेद : 

ऋग्वेद सबसे पहला वेद है जो पद्यात्मक है। इसके 10 मंडल (अध्याय) में 1028 सूक्त है जिसमें 11 हजार मंत्र हैं। 

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यजुर्वेद : 

यजुर्वेद में यज्ञ की विधियां और यज्ञों में प्रयोग किए जाने वाले मंत्र हैं। यह वेद गद्य मय है। 

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सामवेद : 

इस वेद में ऋग्वेद की ऋचाओं का संगीतमय रूप है। सामवेद गीतात्मक यानी गीत के रूप में है। इस वेद को संगीत शास्त्र का मूल माना जाता है।  

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अथर्ववेद :

अथर्ववेद में ब्रह्माण्ड, जड़-चेतन, विभिन्न उपायों, सूक्तों और मंत्रों का संग्रह है, जो चिकित्सा, सुरक्षा और दैनिक जीवन में उपयोग होते हैं।

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वेदों में दर्शनशास्त्र, आध्यात्मिकता, ब्रह्माण्ड विज्ञान, रस्मि, सामाजिक आचार-अचरण, नैतिकता और नैतिक मूल्यों जैसे विषयों को सम्मिलित किया गया है। 

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वेदों को "अपौरुषेय" माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इन्हें दिव्य मूल्य का माना जाता है और किसी मनुष्य द्वारा रचना नहीं किया गया है।

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वेदों को गहरी पूजा की जाती है और इन्हें हिंदू धर्म में परम अधिकारिता माना जाता है, जो भारत में विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं पर प्रभाव डालती है।

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