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1.
सहनशील व धैर्यवान
अयोध्या का राजा होते हुए भी श्री राम ने संन्यासी की तरह ही अपना जीवन व्यापन किया। यह उनकी सहनशीलता को दर्शाता है।
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2.
दयालु स्वभाव
भगवान राम काफी दयालु स्वभाव के रहें। सुग्रीव को राज्य दिलाना उनके दयालु स्वभाव का ही प्रतीक है।
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3.
मित्रता
हर जाति, हर वर्ग के व्यक्तियों के साथ भगवान राम ने मित्रता की। केवट हो या सुग्रीव, निषादराज या विभीषण ।
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4.
बेहतर नेतृत्व क्षमता
भगवान राम एक कुशल प्रबंधक थे। वो सभी को साथ लेकर चलने वाले थे।
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5.
भाई के प्रति प्रेम
भगवान राम ने अपने सभी भाइयों के प्रति सगे भाई से बढ़कर त्याग और समर्पण का भाव रखा और स्नेह दिया।
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6.
सेवा भावना
श्री राम ने अपने जीवन में दिखाया कि वे सभी के प्रति समर्पित थे और सेवा करने का आदर्श प्रस्तुत किया।
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7.
न्याय
प्रिय
श्री राम ने न्याय के प्रति उचित और समान व्यवहार किया और न्याय का पालन किया।
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8.
धार्मिकता के प्रतीक
भगवान श्री राम ने धर्म के मार्ग पर चलते हुए अपने पिता की आज्ञा का पालन किया और अपने धर्म के प्रति पूरी श्रद्धा और समर्पण दिखाया।
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